टोयोटा हाइलक्स रिव्यू: सिर्फ एक पिकअप ट्रक या कुछ स्पेशल है इसमें ?
Published On अप्रैल 24, 2024 By भानु for टोयोटा हाइलक्स
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टोयोटा हाइलक्स एक पिकअप ट्रक है जिसकी कीमत 30.40 लाख रुपये से लेकर 37.90 लाख रुपये एक्सशोरूम के बीच है। ये भारत के कार बाजार में उन चंद पिकअप ट्रक्स में से एक है जो प्राइवेट कस्टमर्स के लिए उपलब्ध है। हाइलक्स को आप रोजाना इस्तेमाल में नहीं ले सकते हैं और ये एक तरह से लाइफस्टाइल व्हीकल है जो कि ऑफ रोडिंग के ज्यादा काम आता है। ये जानने के लिए क्या इसका रोड प्रजेंस बेहतर है या ऑफ रोडिंग कैपेबिलिटी अच्छी है या फिर परफॉर्मेंस में दम है, इसके लिए हमनें रोड टेस्ट रिव्यू के जरिए एक दिन हाइलक्स के साथ बिताया और कैसा रहा हमारा एक्सपीरियंस? ये आप जानेंगे आगे:
लुक्स
हाइलक्स 5325 मिलीमीटर लंबा पिकअप है जिससे ये मर्सिडीज बेंज जीएलएस से भी बड़ा है। इसकी लंबाई के कारण ये रेगुलर पार्किंग स्पेस में ठीक से पार्क भी नहीं हो पाता है। हमारा प्लान इसे सुबह से लेकर शाम तक ड्राइव करने का था ताकि हम खूबसूरत से सनसेट के नजारे देख सके।
इसका डिजाइन तो काफी दमदार है और ये दूसरों का ध्यान अपनी ओर खींच ही लेता है। इसके फ्रंट प्रोफाइल में बड़ी सी ग्रिल, दमदार सा बंपर और स्किड प्लेट दी गई है जिससे सामने से ये काफी धाकड़ नजर आता है।
मगर इसके साइड से इसके साइज का असली पता लगता है। लंबाई के अलावा इसकी डोर पर लगी मोटी क्लैडिंग, 18 इंच के अलॉय व्हील्स और बड़े से व्हील आर्क भी काफी ध्यान आकर्षित करते हैं। इन एलिमेंट्स से ये पिकअप काफी दमदार नजर आता है और इसमें 220 मिलीमीटर का ग्राउंड क्लीयरेंस भी दिया गया है जिसकी कई कार यूजर्स को रोजाना जरूरत पड़ती है।
हाइलक्स का डिजाइन काफी ज्यादा आकर्षक है जिसे देखकर ना सिर्फ लोग इसकी ओर टकटकी लगाए देखते हैं बल्कि इससे लोगों को ये भी लगता है कि इसे ड्राइव कर रहा शख्स कोई खास ही इंसान होगा। हाइलक्स की एक और जो अच्छी चीज है वो इंटरनेशनल मार्केट में इसकी पॉपुलेरिटी, क्योंकि वहां लोग इसमें काफी सारी एसेसरीज लगवाते हैं और इसे मॉडिफाय कराए जाने के भी काफी ऑप्शंस मौजूद हैं।
बूट कवर भी दिया जाता है इसके साथ
हाइलक्स में ट्रेडिशनल बूट तो नहीं दिया गया है, मगर इसमें एक कार्गो बैड जरूर दी गई है। आप इसमें अपने पूरे ट्रिप का लगेज आसानी से रख सकते हैं और तब भी ये आधा ही भरेगा।
हालांकि ओपन स्टोरेज बैड की वजह से आपको अपना सामान रखने में थोड़ा डर तो लगेगा कि कहीं वो चोरी ना हो जाए या फिर गाड़ी के उछलने पर आपका बैग कहीं नीचे ना गिर जाए। ऐसे में यदि आप ये नहीं चाहते हैं तो एसेसरी के तौर पर आप कार्गो बैड के लिए एक कवर खरीद लें।
काफी फीका है इसका केबिन
हाइलक्स में आप जैसे ही बैठेंगे तो इसके केबिन डिजाइन और मैटेरियल्स को देखकर आपको ऐसा नहीं लगेगा कि आप किसी 45 लाख रुपये की गाड़ी में बैठे हैं। इसमें सिंपल डिजाइन के साथ ऑल ब्लैक केबिन थीम और रग्ड एलिमेंट्स दिए गए हैं। इसके केबिन में हार्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है और इसमें ज्यादा सॉफ्ट टच एलिमेंट्स मौजूद नहीं है जिससे इसका इंटीरियर डल और आउटडेटेड नजर आता है। भारत में इस कार की कीमत काफी ज्यादा है जो कि लगभग यूटिलिटी व्हीकल के तौर पर इस्तेमाल में ली जाती है, इसलिए आपको ऐसा केबिन मिलता है।
ड्राइव करते समय आपको इसकी सीटों की कुशनिंग स्टिफ महसूस होगी, हालांकि ये काफी स्पेशियस हैं और आपको अपनी जगह पर होल्ड करके रखती है लेकिन इसकी सीटों की कुशनिंग सॉफ्ट होती तो वो आपको ज्यादा कंफर्टेबल रख सकती थी।
इसकी रियर सीट्स भी काफी स्पेशियस है और यहां तीन लोग आराम से बैठ सकते हैं। यहां आपको अच्छा खासा हेडरूम, लेगरूम और नीरूम स्पेस मिल जाएगा, मगर इसका बैकरेस्ट रिक्लाइन नहीं होता है और फ्रंट की तरह रियर सीट्स भी स्टिफ महसूस होती है।
सिटी ड्राइविंग
सड़क पर काफी दमदार नजर आने वाले हाइलक्स के बड़े से साइज का एक डिसएडवांटेज भी है। एक छोटी और कॉम्पैक्ट कार को सिटी में चलाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है, मगर हाइलक्स में आपके धैर्य की परीक्षा होती है।
उदाहरण के तौर पर कई बार आप जब किसी नए शहर में होते हैं और किसी अंजान सड़क पर होते हैं तो उस सिचुएशन में कभी कभी आपको गूगल मैप्स संकरे रास्ते शो करने लगता है जो आपको लेना ही पड़ता है और यदि आप हाइलक्स ड्राइव कर रहे हैं तो भले की थोड़ी दूरी तक का ही हो, मगर संकरे रास्ते पर आपको ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है।
हालांकि इस साइज का एडवांटेज भी है। ऐसी बड़ी कारें चलाते वक्त दूसरी छोटी कार ड्राइव करने वाले आपके बीच आने से घबराते हैं और ना ही वो आपके आसपास से निकलने की कोशिश करते हैं। हाइलक्स का बड़ा साइज आपको सड़क पर एक बड़े आदमी के होने का ठप्पा लगा देती है और कभी कभी आपको दूसरी कारें खुद ब खुद रास्ता दे देती हैं।
सिटी में ड्राइव करते हुए आपको इसमें पावर की बिल्कुल कमी महसूस नहीं होगी और क्विक एक्सलरेशन से ओवरटेकिंग आसान बन जाती है। इसकी ड्राइव काफी स्मूद है और इसका इंजन काफी रेस्पॉन्सिव है, ऐसे में ट्रैफिक में नेविगेट करने के अलावा दूसरे काम इसमें मुश्किल नहीं है।
पिकअप्स को हैवी कार्गो लोड करने के काम में लिया जाता है, ऐसे में इनकी राइड क्वालिटी दूसरी कारों जितनी कंफर्टेबल नहीं होती है। ये आपको स्टिफ लगेगी, मगर बंप्स और गड्ढों का सामना आराम से कर लेती है, मगर आपको केबिन में साइड टू साइड मूवमेंट महसूस होगा और ये आपको इसी के साइज की दूसरी अर्बन एसयूवी जितनी सैटल्ड नहीं लगेगी। फुल पैसेंजर और लगेज लोड के साथ आपको राइड क्वालिटी कंफर्टेबल महसूस होगी।
क्या फीचर्स से भरपूर है ये?
हाइलक्स में जरूरत के हिसाब के तो सभी फीचर्स दिए गए हैं जिसमें 8 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम भी शामिल है जो कि इस्तेमाल करने में आसान है, रेस्पॉन्सिव है और इसके यूजर इंटरफेस को समझना भी आसान है। इसके अलावा इसमें वायर्ड एंड्रॉइड ऑटो और एपल कारप्ले, डुअल-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल, रियर एसी वेंट, और सेफ्टी के लिए 7 एयरबैग, हिल होल्ड असिस्ट, व्हीकल स्टेबिलिटी मैनेजमेंट और ब्रेक असिस्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
मगर इसमें कुछ फीचर की कमी भी है। इसकी प्राइस के हिसाब से इसमें बड़ा इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया जाना चाहिए था और इसमें ज्यादा चार्जिंग ऑप्शंस भी होने चाहिए थे। फ्रंट में दो 12 वोल्ट के सॉकेट्स, यूएसबी चार्जिंग पोर्ट्स और सेंटर आर्मरेस्ट में 100 वॉट का चार्जर दिया गया है मगर यहां सी टाइप चार्जिंग पोर्ट नहीं दिया गया है। फ्रंट पैसेंजर्स के पास तो काफी सारे चार्जिंग ऑप्शंस मौजूद हैं, मगर रियर पैसेंजर्स के लिए चार्जिंग की कोई सुविधा नहीं दी गई है।
लॉन्ग ड्राइव के लिए काफी प्रैक्टिकल है ये
इसके चारों दरवाजों पर 1 लीटर का बॉटल होल्डर, सेंटर कंसोल में दो कपहोल्डर और डैशबोर्ड के दोनों ओर भी कपहोल्डर दिया गया है।
इसके सेंटर आर्मरेस्ट में भी स्टोरेज दिया गया है और इसमें दो ग्लवबॉक्स दिए गए हैं। इसके अलावा सेंटर आर्मरेस्ट में फोन या वॉलेट रखने के लिए ट्रे और रियर पैसेंजर्स के लिए सेंटर आर्मरेस्ट में दो कपहोल्डर्स दिए गए हैं।
हाईवे ड्राइविंग
हाईवे पर इसकी ड्राइविंग काफी रोचक बन जाती है। सिटी के भारी ट्रैफिक का सामना करना भले ही मुश्किल हो, मगर हाईवे की खुली खुली सड़कों पर हाइलक्स की असली परफॉर्मेंस नजर आती है जो कि बिल्कुल निराश नहीं करती है। इसमें 204 पीएस की पावर और 500 एनएम का टॉर्क जनरेट करने वाला 2.8 लीटर डीजल इंजन दिया गया है जो कि हाइलक्स के साइज और भारी वजन के हिसाब से पर्याप्त है।
हाइलक्स को 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है और ये इस स्पीड पर काफी स्थिर होकर चलती है। मुझे लगा था सिटी में इससे किसी को ओवरटेक करना आसान ही होगा, मगर ये बहुत ही आसान था। लेन बदलते वक्त या शार्प टर्न लेते वक्त आपको बॉडी मूवमेंट महसूस होगा, मगर पिकअप्स के मामले में ये चीजें कोई नई नहीं है। मैं अपनी मंजिल के नजदीक ही था और सूरज भी डूबने ही वाला था, सनसेट को एक खूबसूरत से स्पॉट से देखने के लिए मुझे शार्प टर्न वाले घाट के रास्ते से होकर गुजरना था और ये काम करते हुए मुझे काफी मजा आया। ये शार्प लेफ्ट और राइट टर्न हाइलक्स को कोई भी चुनौती नहीं दे रहे थे, मगर इस पिकअप के लिए आगे एक चैलेंज आने वाला था।
मैंं अपनी मंजिल के करीब था और मेरे सफर के आखिरी हिस्से में कुछ ऑफ रोडिंग होने वाली थी। इसके लिए मैंने हाइलक्स को 4 व्हील ड्राइव में डाल दिया और तेज पुश किया जो कि हाइलक्स के लिए बहुत ही मामूली बात थी और ये आगे कोई भी चैलेंज लेने के लिए तैयार थी। हालांकि राइड तो कंफर्टेबल नहीं थी, मगर इसने ऑफ रोड रास्तों को तो आराम से पार कर लिया।
निष्कर्ष
सिटी से हाईवे तक फिर घाट से होते हुए कुछ ऑफ रोडिंग करने तक हाइलक्स के साथ पूरा दिन बिता लेने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा।
ये उन लोगों के लिए एक सेकंडरी कार है जो कि पिकअप ट्रक्स के साथ आने वाले समझौतों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इसकी राइड ना तो कंफर्टेबल है और ना ही इसकी सीटें। इसका केबिन आउटेडेड और फीचर लिस्ट भी लंबी नहीं है। ऐसे समझौते काफी ज्यादा है और वो तब जब आप इसका इस्तेमाल सिटी में करने जा रहे हो।
हालांकि हाइलक्स को खरीदने का कारण तो साफ है। ये कार तीन तरह के लोगों के लिए बनी है: एक तो वो जो लाइफस्टाइल व्हीकल सेगमेंट में एंट्री लेने जा रहे हैं और कुछ मोर्चों पर समझौता करने के लिए तैयार हैं। दूसरा वो जो व्यवसायिक जरूरतों जैसे माल परिवहन के लिए पिकअप ट्रक चाहते हैं। तीसरा वो जो बड़ी कार लेना चाहते हैं और रोड पर अपने को खास इंसान दिखाना चाहते हैं। आप इन लोगों में से है तो हाइलक्स आपके लिए एकदम सही है।